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सूरज चंदा साथ साथ यह एक कहानी की किताब है जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट ने पब्लिश किया है। इस किताब के लेखक संजीव जायसवाल है और चित्रांकन किया है इरशाद कप्तान ने। इस किताब मे मात्र २८ पन्ने है। हर एक पन्ने पर बहुत ही आकर्षक चित्र है जो बच्चो को काफी लुभायेंगे भाषा सहज एवं सुन्दर है। किताब की कीमत ४० रुपये है।
ईस किताब की कहानी बहुत ही रोचक है जो दो भाइयो के बारे मे है – सूरज और चंदा। एक दिन वह ठान लेते है की दोनों एक साथ घुमने जायेंगे, क्योंकि और दिनों मे सूरज आता है तो चंदा चला जाता है, और जब चंदा आता है तो सूरज चला जाता है। और वे निकल पड़ते है समुद्र मे दुबकी लगाते है, पहाड़ों पर दौड़ लगाते है, अब उनका मन करता है की देखे लोग क्या कर रहे है। जब वह दो अलग अलग घरो के पास जाते है तो बड़ी गड़बड़ी हो जाती है, मास्टर जी को लगता है सुबह हो गयी और वे निकल पड़ते है स्कूल की तरफ। चंदा पहुचता है बच्चो के घर, वे सोचते है अभी रात ही है और सोते रहते है।
यही से शुरू होती है परेशानिया..
फिर देखे अलग अलग जगह पर क्या परेशानिया आती है। यह किताब बच्चो को कल्पनाओं के गोते लगाने मे जरुर मदत करेगी। इस किताब को शिक्षक हाव भाव के साथ पढ़कर सुना सकते है, बच्चे इसमे जरुर आनंद की अनुभूति महसूस करेंगे।
जामलो : सिनेमाई क्राफ्ट मे एक किताब
“जामलो चलती गई” हिन्दी अनुवाद के मार्फत 2021 में आई एक ऐसी किताब है, जिसकी चर्चा दो वजहों से जरूरी है। एक तो यह ऐसे मसले को रखती है जो बच्चों के साहित्य की…
हिन्दी में बच्चों और किशोरों के लिए रचित साहित्य के क्षेत्र में हाल के वर्षों में गुणात्मक परिवर्तन आया है।नये प्रयोगों और विषय की विविधता के साथ उर्वर कल्पनाशीलता ने सर्वथा…