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पिछले महीने मैं उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में अपने काम के सिलसिले में गया था। एक सरकारी विद्यालय की लाइब्रेरी में एक मज़ेदार किताब मेरे हाथ लगी – ‘खुल जा सिम-सिम और 16 अन्य कहानियाँ और कविताएँ’। पन्ने पलटते हुए एक जगह मेरी नज़र ठहर गई थी।

“हर बार जब हम किसी बच्चे को पढ़कर सुनाते हैं तो हम एक बीज बोते हैं। पर उसका बच्चे के कल्पना संसार में क्या रूप होता है, हम नहीं जानते!”

अगले पन्ने पर लेनार्ट हेल्सींग की कविता ‘Planting Seeds’ का अनुवाद छपा था – बोए बीज

जो ऊपर की पंक्तियों के भाव गहरे कर रहे थे…

बागीचे में बोए बीज
कभी दे जाते हैं अजीब सी चीज
मैंने भी एक बोया-और अगले साल
निकल आया एक पेड़ बड़ा ही खुशहाल।

अंतिम पंक्तियों में बालसुलभ कल्पनाओं, उनकी इच्छाओं को बड़े ही प्यार से अभिव्यक्त किया गया था… मालपुए की कल्पना करते हुए अगर उसका पेड़ मिल जाए तो क्या हो? क्या महीने भर मालपुए खाने पड़ें तो? आज के बच्चे की क्या इच्छा होगी?

महीना भर खाने पड़े मालपुए
समझ न आए हंसें या फिर रोएँ।
तब सूझी मुझे एक चीज
हैं किसी के पास बर्गर के बीज?

‘खुल जा सिम-सिम और 16 अन्य कहानियाँ और कविताएँ’– ऐसी ही 16 अनूठी रचनाओं का संकलन है। जो अलग-अलग स्वीडिश रचनाकारों द्वारा लिखी और चित्रों द्वारा सजाई गई हैं।

‘इसकी शुरुआत प्यार से हुई’ शीर्षक से प्रकाशित चित्रकथा को जोनाथन लिंडस्टॉर्म ने लिखा है। समष्टि विकास के क्रम में ‘पैरेंटिंग’ में आए बदलाओं को बड़े चुटीले अंदाज में प्रस्तुत किया गया है। जिसमें बाल साहित्य की एक यात्रा की कहानी पिरोई गई है। जो दुनिया बनाने की शुरुआत में सरीसृपों की व्यवहारगत बातों से शुरू होती है। जो अलग-अलग कालखंडों में स्तनधारियों के बच्चों के प्रति लगाव, उनके सिखाने के ढंग, अफ्रीका के होशियार लोगों की मनगढ़ंत कहानियों और पाषण चित्रों, ईराक में लिखी गई गिलगिमेश की कहानी लिखने, बच्चों को डराने के लिए काल्पनिक कहानियाँ सुनाने, स्वीडन की पहली किताब जो 1591 छपी थी, (जिसमें एक ही चित्र था- शादी का) आदि इन अलग-अलग पड़ावों से गुजरते हुए 1989 में स्वीडन की बाल साहित्य अकादमी के बनने की यात्रा को रोचक तरीके से रेखांकित करती है। साथ ही इस संकलन के प्रकाशन के उद्देश्यों को बताती हुई कहती है – “पढ़ने का मज़ा लें।”

शीर्षक कहानी ‘खुल जा सिम-सिम’ एक चित्र कथा है, जो एक छोटी बच्ची के जादूगर बनने के कौतुक को शब्द-चित्रों में बयां करती है। इस कहानी के चित्र सजीव लगते हैं। जो इस कहानी के प्रस्तुतिकरण का मजबूत पक्ष भी है। इसे लिखा यूया विस्लैंडर ने है और चित्र स्टीना विर्सेन के हैं।

‘अन्दर बाहर’ एक कविता है। जिसे पेर नील्सन और क्रिस्तीना दिगमान ने प्रस्तुत किया है। यह एक शिशु के मनोभावों को व्यक्त करती है। जो माँ के गर्भ की दुनिया और बाहर के बीच तुलना कर रहा है

वहाँ अन्दर अच्छा था
पर अकेलापन बहुत था
क्यों बाकी सब तो
यहाँ बाहर हैं…

‘एक होता है जैसे छड़ी’ गिनती के अंकों की कवितामय प्रस्तुति है। अंक कैसे दिखते हैं? उन्हीं को दस सजीव चित्रों और एक पंक्ति की कविताओं में आसा लिंड और सारा लुंडबर्ग द्वारा अभिव्यक्त किया गया है।

‘सफ़ेद सरदार और भयंकर राक्षस’ क्रिस्टिना ब्योर्क और ईवा एरिकसन की कहानी है। जो लुई कैरोल की कहानी ‘Through the Looking Glass’ पर आधारित है। इस कहानी की शैली बहुत ही लुभावनी है। कहानी को पढ़ते हुए लगता है कि कोई बच्चा अपनी गढ़ी हुई कोई कहानी तुतलाते हुए सुना रहा है। बातों और सन्दर्भों में एकरूपता की परवाह किए बिना आनंद के लिए कहानी सुनना। अद्भुत। इस कहानी में एलिस की कहानी जुड़ जाना इसके फलक का विस्तार करता है।

‘मैं भी खेलूँ’ मार्टेन मेलीन और अना बेंग्टसन की चित्रकथा है। नयी जगह, नए लोग, एक जैसी परिस्थितियाँ कैसे सबको एक जगह पर ले आती हैं। इस बात को सुन्दर चित्रों और जानवरों की कहानी के माध्यम से दिखाया गया है।

‘दोस्ती है या नहीं’ मार्टेन मेलीन और स्टीना वीरसेन द्वारा सीरिज में लिखी गई कविताएँ हैं। ये कविताएँ हर उम्र के पाठकों के मनोभावों पर सटीक बैठती हैं। एक बानगी देखते हैं

गलत

मैं क्यों रहना चाहूँ
तुम्हारे साथ
जब तुम्हें नहीं रहना
मेरे साथ?
कहीं कुछ जरूर
गड़बड़ है
लेकिन गड़बड़ तुम में है
या फिर मुझ में?

साहित्य के लिए या ऐसा अवसर है जहाँ बड़ों और बच्चों के साहित्य का भेद मिट जाता है।

दोस्ती सीरिज की इन कविताओं के साथ-साथ कौए ने कहा, बेचारी चींटियाँ, गोजर, भागे पक्षी, बोए बीज सुन्दर एवं पठनीय कविताएँ हैं।

कहानियों में पेड़, शक्तिमान फैंसी पार्टी में, रितू और मैं, पापा से लुकाछिपी, छोटी गिलहरी, झूला प्यार का और चाँद गली में बना केक बच्चों के अलग-अलग मनोभावों को समझने का प्रयास करती हैं और पठनीय बन पड़ी हैं।

खुल जा सिम सिम और 16 अन्य कहानियाँ और कविताएँ’ स्वीडन बाल साहित्य अकादमी की प्रस्तुति है। स्वीडन बाल साहित्य अकादेमी 18 लेखक एवं चित्रकार सदस्यों वाली एक संस्था है जिसका उद्देश्य बच्चों एवं किशोरों के लिए स्वीडन की किताबों को बढ़ावा देना है। अकादमी की के पुस्तिका है – 17 Reasons for Children’s Books. जिसका 17 वाँ कारण इस प्रकार है कि

The Children’s Books are the first contact with literature- a never-ending world, lasting all our lives.

ऐसा ही प्रयास ‘खुल जा सिम सिम और 16 अन्य कहानियाँ और कविताएँ’ के माध्यम से दिखता है। स्वीडिश भाषा में यह संकलन ‘Bado Bado Filoo’ बार्नुक्स (बाल साहित्य) अकादमी शीर्षक से 2015 में छपा था। 2016 में इसका हिंदी संस्करण ‘ए एंड ए पब्लिकेशन’ ने प्रकाशित किया है। हिंदी में अनुवाद अरुंधती देवस्थले का है। हिंदी संस्करण की प्रस्तुति भी मूल स्वीडिश संस्करण की तरह ही है। छपाई और बाइंडिंग आकर्षक हैं। इलस्ट्रेशन भी खूबसूरत और रचनाओं के भावों को उभारने वाले हैं ।

स्वीडिश बाल रचनाओं का यह अनूठा संकलन बच्चों और किशोरों के साथ-साथ व्यस्क पाठकों को भी पसंद आएगा। यह गुलदस्ता संकलन बाल साहित्य के लिए धरोहर है। रचनाएँ अपनी प्रयोगशीलता की वजह से लम्बे समय तक जेहन में बनी रहेंगी।

स्वीडिश रचनाओं का गुलदस्ता: खुल जा सिम सिम

स्वीडिश रचनाओं का गुलदस्ता: खुल जा सिम सिम

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Navnit Nirav Parag Reads 27 December 2019

गिजुभाई के ख़जाने से आती गुजराती लोक कथाओं की खुशबू

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