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This is a heart-warming wordless picture book which tells the story of an indie dog in a busy city. Dugga’s life is not easy – he lives beneath the sidewalk, forages for food and often faces the wrath of humans. But as a survivor he’s incredibly endearing. Then one day he has a nasty accident. The illustrations are remarkable, done only in shades of brown, as they make us relook at all the dogs who live and survive on the streets around us.
Priya Kuriyan, the illustrator-writer of this book has woven a tale around an unusual pair of heroines – a sharp and brave rural policewoman and a music-loving buffalo. Beauty, the buffalo goes missing, and Jincy, the policewoman gets down to work to find her. The beautiful illustrations tell half the story, and the tightly written text conveys the rest, subtly and hilariously. This book is a treat for both early readers as well as older children.
विनोद कुमार शुक्ल ऐसे बिम्ब और प्रतीक रचते हैं कि पाठक को गद्य में भी कविता का रस मिलता है। ‘तीसरा दोस्त’ एक छोटी कहानी है जिसमें एक एहसास पूरे जीवन की तरह समाया हुआ है। दो दोस्तों का गहरापन, उनका एक दूसरे में अभिन्न रूप से शामिल होना एक चमत्कार की तरह घटता है। अतनु राय के चित्र हमेशा की तरह इसमें एहसास का गाढ़ापन भरते हैं।
स्याणा, सहजीवन और मानव व घरेलू जानवर के रिश्तों की मार्मिक कहानी है। यह अनूठे और अल्पज्ञात कतारिए समुदाय के रहन सहन, संस्कृति और विश्वासों से परिचित कराती है। साथ ही हम इस समुदाय के पालनहार ग्राम्य पशु ऊँट की शख्सियत, सौन्दर्य और चाल ढाल से रूबरू होते हैं। कई देशज शब्द मसलन स्याणा, कतारिए, चम्पाला, आदि के मायने जानने के लिए शब्दकोश का सहारा लेना पड़ता है, और यह कोशिश किताब से आत्मीय जुड़ाव बनाती है। सुन्दर चित्र कहानी के परिवेश को विस्तार देते हैं।
मिट्टी का इत्र कहानी संग्रह एक गुदडी की तरह अलग-अलग रंगों और सुरों की कहानियों को जोड़ता है। दिलीप चिंचालकर की उत्सुकता और जिज्ञासा हर कहानी के ज़रिए हमें उत्साहित और प्रेरित करती है। बचपन के अनुभव, रोज़मर्रा की जिन्दगी, बड़ी हस्तियों से मुलाक़ात, कलाकारों की कहानियाँ , जानवरों के किस्से, क्या नहीं है इस किताब में! हर कहानी हमें सैर पर ले चलती है और पूरी किताब पढ़ने के बाद आपको लगेगा कि आप दुनिया की सैर कर आए! इस किताब को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ पढ़ें और दुनिया की महक बांटे, मिट्टी के इत्र के साथ।
इस कहानी संग्रह की सभी कहानियाँ चरित्र और कथानक के नज़रिए से बेजोड़ हैं।
कहानियाँ जितने अनूठे विषयों पर हैं, कही भी उसी अनूठेपन से गई हैं। कहानियों के कई पात्र हाशियाकृत समुदाय की ज़िन्दगी और जीवन मूल्यों को उभारती हैं। बेहद पठनीय, समृद्ध, ताज़ातरीन भाषा कहानियाँ पढ़ने को उकसाती है। गहरे रंगों से रचे गए प्रभावशाली चित्र कहानियों को और भी गहनता से देखने-समझने का नज़रिया देते हैं।
लड़कों की किशोरावस्था के शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं को शोधपरक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करती एक उम्दा किताब है। यह किताब किशोरों की जिज्ञासाओं और अनुभवों को सामने रखते हुए इस विषय की गंभीरता से व्याख्या और विश्लेषण करती है। किताब के असरदार श्वेत-श्याम चित्र, विचारों और समझ को और अधिक स्पष्टता देते हैं। किशोर-किशोरावस्था के विविध पहलुओं के बारे में सूचनाओं, जानकारियों और तथ्यों को समाहित करते हुए इस विषय पर संजीदगी और भरपूर तैयारी से लिखी गई एक ज़रूरी किताब।
इस संग्रह की कविताओं की विषयवस्तु हमारा अड़ोस-पड़ोस है—हवा, धूप, पानी, बादल जैसी दैनंदिन जीवन की चीज़ें और उपस्थितियाँ। लेकिन कल्पना-शक्ति ने इनके नये नये संयोग बनाए हैं। ’सूरज का फूल खिला है,समय का फूल खिला है’…..सरीखी कविताएँ संसार को नयी नज़र से देखने और पहचानने का उद्यम हैं। छंद और लय का ललित व्यवहार करती ये कविताएँ सहज ही स्मृति में ठहर जाती हैं। साथ के चित्र रंगों का व्यंजक प्रयोग करते हुए कविताओं को प्रासंगिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।