Loading...

इश्क का माता

इस कहानी संग्रह की सभी कहानियाँ चरित्र और कथानक के नज़रिए से बेजोड़ हैं।

कहानियाँ जितने अनूठे विषयों पर हैं, कही भी उसी अनूठेपन से गई हैं। कहानियों के कई पात्र हाशियाकृत समुदाय की ज़िन्दगी और जीवन मूल्यों को उभारती हैं। बेहद पठनीय, समृद्ध, ताज़ातरीन भाषा कहानियाँ पढ़ने को उकसाती है। गहरे रंगों से रचे गए प्रभावशाली चित्र कहानियों को और भी गहनता से देखने-समझने का नज़रिया देते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 प्रियम्वद प्रशान्त सोनी

रज़ा के चित्र

यह मूल्यवान पुस्तक महान चित्रकार रज़ा के चित्रों को देखने और समझने का अप्रतिम उपक्रम है। लेखक की प्रस्तावना और टिप्पणियाँ, रंग, रेखाओं और रिक्त अवकाशों को व्याख्यायित करते हुए कला के सौन्दर्य का उद्घाटन करती हैं। ’वह जो अपने हर अंश में स्पंदित हो रहा है वही जीवन है’: लेखक ने रज़ा के दस विख्यात चित्रों के स्पंदनों को महसूस करने के नये कोण, दृष्टि और तत्जनित रसास्वादन से पाठकों को समृद्ध किया है।

जुगनू प्रकाशन 2021 उदयन वाजपेयी सय्यद हैदर रज़ा

बेटा करे सवाल

लड़कों की किशोरावस्था के शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं को शोधपरक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करती एक उम्दा किताब है। यह किताब किशोरों की जिज्ञासाओं और अनुभवों को सामने रखते हुए इस विषय की गंभीरता से व्याख्या और विश्लेषण करती है। किताब के असरदार श्वेत-श्याम चित्र, विचारों और समझ को और अधिक स्पष्टता देते हैं। किशोर-किशोरावस्था के विविध पहलुओं के बारे में सूचनाओं, जानकारियों और तथ्यों को समाहित करते हुए इस विषय पर संजीदगी और भरपूर तैयारी से लिखी गई एक ज़रूरी किताब।

एकलव्य 2022 अनु गुप्ता और संकेत करकरे कैरेन हैडॉक और परमिता मुख़र्जी

पेड़ों की अम्मा

इस संग्रह की कविताओं की विषयवस्तु हमारा अड़ोस-पड़ोस है—हवा, धूप, पानी, बादल जैसी दैनंदिन जीवन की चीज़ें और उपस्थितियाँ। लेकिन कल्पना-शक्ति ने इनके नये नये संयोग बनाए हैं। ’सूरज का फूल खिला है,समय का फूल खिला है’…..सरीखी कविताएँ संसार को नयी नज़र से देखने और पहचानने का उद्यम हैं। छंद और लय का ललित व्यवहार करती ये कविताएँ सहज ही स्मृति में ठहर जाती हैं। साथ के चित्र रंगों का व्यंजक प्रयोग करते हुए कविताओं को प्रासंगिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 प्रभात भार्गव कुलकर्णी

जिसके पास चली गयी मेरी ज़मीन

यह अनूठी पुस्तक एक खेतिहर की कथा कहती है जिसकी ज़मीन छिन कर दूसरे के पास चली गयी है और उसी के साथ बादल, बारिश, सुगंध और मल्हार भी विदा हो गये हैं। अपने बिम्बों तथा संगीत के ज़रिए सब कुछ खोने की अनुभूति को यह कविता मार्मिकता से व्यक्त करती है। रंग -बिरंगे चित्र वातावरण को बखूबी व्यक्त करते हैं। यह कविता दूसरों के दुख और पीड़ा के साथ तादात्म्य स्थापित करने का उदाहरण है।

जुगनू प्रकाशन 2021 नरेश सक्सेना कविता सिंह काले

बनते कहाँ दिखा आकाश

इस संग्रह की कविताएँ विस्मय-बोध, शब्द-क्रीड़ा और फैंटेसी का अनुपम उदाहरण हैं। यहाँ साधारण और आसपास की चीज़ों के भीतर बसने वाले रहस्य और सौन्दर्य को मनोरम तरीक़े से व्यक्त किया गया है। ये कविताएँ कल्पना को पंख देती हैं और हर वस्तु के अलक्षित पक्ष को ढ़ूँढ़ने को प्रोत्साहित करती हैं। ’कहने को कुछ बचा नहीं ऐसा कभी नहीं होता’, यह वाक्य रचनाशीलता के मंत्र की तरह है।

साथ के चित्र भी अपने प्रयोगशील रंगों और रेखाओं से कविता को प्रकाशमान करते है।

जुगनू प्रकाशन 2022 विनोद कुमार शुक्ल तपोशी घोषाल

टिफ़िन दोस्त

टिफिन दोस्त एक नटखट और प्यारी किताब है। सुशील शुक्ल ने बच्चों की बातों को अपनी कविता में बख़ूबी पिरोया है। प्रिया कुरियन के चित्र भी मस्ती भरे हैं और शब्दों के चुलबुलेपन का साथ निभाते हैं। बच्चों की स्कूली ज़िन्दगी में टिफिन एक बहुत अहम् हिस्सा है और इस से जुड़ी कई बातें कविता में दिखती हैं। यह किताब अलग-अलग परिवारों के खानपान को लेकर कई सवाल भी खड़े करती है। यह मज़ेदार कविता बच्चे और बड़े, दोनों पसंद करेंगे।

एकलव्य 2022 सुशील शुक्ल प्रिया कुरियन

पानी उतरा टीन पर

‘पानी उतरा टीन पर’ छंदोबद्ध कविताओं का संग्रह है। आसपास की चीज़ों जैसे बारिश, सूरज,चाँद, चींटी को लेकर सृजित ये कविताएँ सुपरिचित को नये तरीक़े से प्रस्तुत करती हैं। इनमें स्वर और तुकों का खेल मोहक है। कल्पना को जागृत करती ये कविताएँ सहज ही कंठस्थ हो जाती हैं। आसपास के सौन्दर्य को प्रकाशित करने वाली ये कविताएँ भाषा के प्रयोगात्मक व्यवहार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। साथ के रेखांकन कविताओं के भावों का पुनर्सृजन करते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रमोद पाठक नीलेश गहलोत