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ऊपर के गाँव का रहस्य

हमारे गाँव में रामलीला क्यों नहीं होती? इतनी दूर ठंड में किसी और गाँव में क्यों जाना पड़ता है रामलीला देखने? नौ साल की गोपु को अपनी इस सहज जिज्ञासा का कोई सीधा जवाब अपने बड़ों से नहीं मिलता। बस यही जानने की धुन में वह तरह-तरह से लोगों से बात निकलवाने का प्रयास करती रहती है, कभी अपने पुलिस पापा को मस्खा लगाती है तो कभी अपने दोस्त के साथ छानबीन में लग जाती है। गोपु और उसके पापा के बीच का बेकल्लुफ़ रिश्ता, दादी और अन्य किरदार और उत्तराखंड के गाँव के जीवन का जीवंत चित्रण इस लघु उपन्यास को और भी दिलचस्प बनाता है।

इकतारा, जुगनू प्रकाशन 2023 नेहा बहुगुणा सुस्नता पॉल