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शिक्षा के उद्देश्यों पर बात करते हुए अक्सर इस बात को अलग से रेखांकित किया जाता है। लेकिन व्यवहारिक स्तर इसे उतारने के लिए अनेक सघन प्रयासों की आवश्यकता है।…
कांचा इलैया शेफर्ड एक महत्वपूर्ण लेखक हैं। उनकी रचना ‘माँ’ एक तरह से उनके भोगे यथार्थ की प्रस्तुति है। माँ किस तरह से अपने समाज को खड़ा करती है, कवि उसके संघर्ष को स्मरण करता हैा वह आरंभ उन परिस्थितियों से करते हैं जिनमें माँ रहती है।…
When the visitor comes to you…
On a chair. He was asleep. Dreaming? The visitor arrives. And he opens his eyes. Startled. Most unwanted. Go away! But not so easy. Visitor is here to stay. Stays. He eludes instead…
हाना का सूटकेस यानी मनुष्यता के लिए संदेश
हाना एक शिक्षिका बन गई थी, क्योंकि उसके कारण – उसके सूटकेस और उसकी कहानी के कारण हजारों जापानी बच्चे उन मूल्यों को सीख रहे थे…
The diversity of Indian wildlife is matched equally by the diversity of people’s action to preserve it! Reality is stranger than fiction,..
दीपा बलसावर द्वारा लिखी कहानी “नानी चली टहलने” बच्चों को समाज के उन पहलुओं से रु-ब-रु कराती है जहाँ हमारा सम्बन्ध केवल इंसानो से ही नहीं बल्कि पशु -पक्षी, जानवरों और पेड़-पौधों से भी है, और नानी द्वारा इनके बीच के आपसी स्नेह के रिश्ते को बहुत ही खूबसूरती से बताया गया है…