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“In times of trouble, libraries are sanctuaries” – Susan Orlean, The Library Book.And so they are, at least in the pediatric cancer…
पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया ,यानी पारी, ग्रामीण भारत में अधिकार-च्युत लोगों व समुदायों की सच्ची जीवन-स्थितियों पर आधारित कथा-पुस्तकों का निर्माण कराती है…
किताबें जीवन से निकली हैं और निकलती रहेंगी। जीवन में जितनी विविधता, उतार- चढ़ाव, अच्छा- बुरा, सकारात्मक- नकारात्मक है, उतना ही किताबों में भी मिलने वाला है।…
पुस्तक समीक्षा – लापता पानी का मामला
यह कहानी एक ऐसे परिवेश का दृश्य उभारती हुई शुरू होती हैं जिसमें पानी का बेहद संकट है और संकट से उबरने के लिए और उससे पार पाने के लिए कुछ न कुछ प्रयासों…
“पढ़ना ज़रा ठहरना… ठहरना ज़रा सोचना” !
“पढ़ना जरा सोचना” शीर्षक से एक अद्भुत किताब आई है, जो शिक्षा के बड़े दायरे में ‘पढ़ने और सोचने- समझने’ से जुड़े कुछ बहुत ही बुनियादी सवाल उठाती है और साथ…
दोस्ती विश्व साहित्य का प्राचीन एवं शाश्वत विषय है। पंचतंत्र और ईसप-कथाओं से लेकर आज की लोकप्रिय फ़िल्मों तक अलग अलग काल और समाज में दो लोगों के साथ होने…
वैसे तो कविता लिखना ही मुश्किल है, लेकिन बच्चों के लिए लिखना, और अच्छा लिखना, सबसे मुश्किल काम है। यहाँ कई बातों को ध्यान में रखना पड़ता है और कई चीजों को…
किशोरावस्था की बातें छूट न जाएं
हिन्दी में ऐसी किताबें अभी भी कम हैं जो सहानुभूति के साथ वैज्ञानिक दृष्टि से किशोरों और किशोरियों की दैहिक-मानसिक समस्याओं पर बेहिचक बात करें और उचित…
कुछ किताबें ऐसी होती है, जिसको देखने के बाद आप बिना पढ़े नहीं रह सकतें। ऐसी ही एक रमणीय कहानी है “लापता सुंदरी”. जिसको लिखा और चित्रों से सजाया है…
पिछले दिनों अपनी लाइब्रेरी में किताबें खोजने के दौरान एक शीर्षक देख कर अचानक रुक गया और उस किताब को झट से उठा लिया। आम तौर पर मैं किताबों…