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बच्चों के बौद्धिक ,भावनात्मक एवं सामाजिक विकास में किताबें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बच्चे जब कोई कहानी पढ़ते हैं तो उस कहानी के सन्दर्भ को अपने जीवन से जोड़कर देखते है…
लाइब्रेरी एडुकेटर्स कोर्स संपर्क अवधि के दौरान बुक टॉक पर सत्र के दौरान अजा जी ने “दबंग गाय हमारी” किताब के बारे में बताया था | तब पहली बार मैं इस किताब से परिचित हुई और सुनकर ही मन में इस किताब को पढ़ लेने की इच्छा हुई|…
NEP: Children’s Literature and Reading Promotion – Missing Link?
The draft National Policy on Education (NEP), 2019…
ज़मीन हड़पने, उचित मुआवजा न मिलने, अपनी ही ज़मीन से बेघर किये जाने और कई तरह के उत्पीडन का विरोध देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है| ये खबरें कभी सुनने में आती हैं और कभी, नहीं|…
बच्चों के भीतर झाँकने की एक खिड़की हैं ये किस्से। और नए चश्मे से देखेंगे तो और भी बहुत कुछ नज़र आएगा। बच्चों के लिए बहुत सारी कहानियाँ बनती हैं, लिखी जाती हैं और कई उन्हें सुनाई भी जाती हैं।…
दीपा बलसावर द्वारा लिखी कहानी “नानी चली टहलने” बच्चों को समाज के उन पहलुओं से रु-ब-रु कराती है जहाँ हमारा सम्बन्ध केवल इंसानो से ही नहीं बल्कि पशु -पक्षी, जानवरों और पेड़-पौधों से भी है, और नानी द्वारा इनके बीच के आपसी स्नेह के रिश्ते को बहुत ही खूबसूरती से बताया गया है…
The diversity of Indian wildlife is matched equally by the diversity of people’s action to preserve it! Reality is stranger than fiction,..
When the visitor comes to you…
On a chair. He was asleep. Dreaming? The visitor arrives. And he opens his eyes. Startled. Most unwanted. Go away! But not so easy. Visitor is here to stay. Stays. He eludes instead…
हाना का सूटकेस यानी मनुष्यता के लिए संदेश
हाना एक शिक्षिका बन गई थी, क्योंकि उसके कारण – उसके सूटकेस और उसकी कहानी के कारण हजारों जापानी बच्चे उन मूल्यों को सीख रहे थे…
कांचा इलैया शेफर्ड एक महत्वपूर्ण लेखक हैं। उनकी रचना ‘माँ’ एक तरह से उनके भोगे यथार्थ की प्रस्तुति है। माँ किस तरह से अपने समाज को खड़ा करती है, कवि उसके संघर्ष को स्मरण करता हैा वह आरंभ उन परिस्थितियों से करते हैं जिनमें माँ रहती है।…