लॉकडाउन के इन दिनों में किताबों के साथ दोस्ती पक्की हो गई है। हर रोज़ एक चित्रकथा पढ़ रही हूं। ऐसी ही एक किताब पिछले दिनों पढ़ी है लस्सी या फालूदा? इसके नाम से ही ठंडक का एहसास मिलता है। वैसे यह किताब
इकतारा बोले हिन्दी कथाकार प्रियंवद की लिखी कथेतर किताब है। इस किताब में प्रियंवद ने विश्व के दस महान यात्रियों की जिन्दगी और यात्राओं के बारे में लिखा है। किताब की भूमिका में प्रियंवद ने लिखा है-‘यात्री वे लोग होते हैं…